माँ जगत तारणी शेरावाली,
तेरे दरबार आये हुए है,
छोड़ संसार झूठा ये सारा
तेरे दरबार आये हुए है,
दुर्गा काली माता मेहरवाली ,सब की मनसा पूरा ज्योता वाली,
पाके रेहमत माँ झूमे हर सवाली,आस दिल से लगाए हुए है ,
तेरे दरबार आये हुए है,
पल में वरदान शुभ देने वाली काज सब के सफल करने वाली,
किरपा अमिरत की बरसाने वाली हम भी झोली फैलाये हुए है ,
तेरे दरबार आये हुए है,
मन मगन भगति में मेरा ऐसा दीखता दरबार न माँ के जैसा,
हम भी आये है दर्शन को मेहरवाली शीश दर पे झुकाये हुए है,
तेरे दरबार आये हुए है,