तेरी चौकठ पे ओ बाबा जिंदगी ओ सजने लगी,
जिंदगी सजने लगी मेरी जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौकठ पे ओ बाबा जिंदगी ओ सजने लगी,
जो भी तेरे दर पे आया कुछ न कुछ लेके गया,
होले होले ही मेरी जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौकठ पे ओ बाबा जिंदगी ओ सजने लगी,
ढूंढ आया सारे जग में देव तुमसे न मिला,
तेरा दरवाजा खुला और जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौकठ पे ओ बाबा जिंदगी ओ सजने लगी,
तू ही मूरत तू ही तीरथ तू ही सब कुछ है मेरा
हाथ जो तुमने जे थामा जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौकठ पे ओ बाबा जिंदगी ओ सजने लगी,
तेरी नजरे ओ बाला जी पंकज पे रखना सदा
छोटी सी ख्वाईश अमित की जिंगदी सजने लगी,
तेरी चौकठ पे ओ बाबा जिंदगी ओ सजने लगी,