लांघे सात समंदर ओये क्या बात हो गई,
तूने लंका जालाई करामात हो गई,
आये बन के धुरंधर ओये क्या बात हो गई,
तूने लंका जालाई करामात हो गई.....
बाग़ उजाड़ा सारा नक्शा बिगाड़ा लंका को बनाया अखाड़ा,
देख रावण ये नज़ारा हुआ गुस्से में लाल,
स्वर्ण नगरी का मेरी किया किसने ये हाल,
आया कहाँ से ये बन्दर ओये क्या बात हो गई,
तूने लंका जालाई करामात हो गई.....
मेघनाथ आया के बंदी बनाया दरबार में बजरंग लाया,
देख कैसा तुझे दंड देते हैं हम,
पूँछ इसकी जला दो ये सुनाया हुकुम,
उड़ गए पूँछ जली लेकर ओये क्या बात हो गई,
तूने लंका जालाई करामात हो गई.....
लंका जलाई तबाही मचाई बजरंग ने शक्ति दिखाई,
भागे बयभीत होके राक्षस इधर से उधर,
रखते पैरों को कुंदन थे बजरंग जी पर,
छुप गए सारे अंदर ओये क्या बात हो गई,
तूने लंका जालाई करामात हो गई......