दीदार के काबिल तो कहा मेरी नजर है,
ये तेरी इनायत है के रुख तेरा इधर है,
हर शेह में तेरा जलवा मुझे आता नजर है,
साईं का जलवा है चारसू
आँखों ने तेरे बाद कुछ भी देखा नही है,
कितना हसीं है के तुझसा कोई नही है,
मैंने नही ये बात जमाने ने कही है,
साईं का जलवा है चारसू
जिस को भी देखा तुमने उसे दीवाना कर दियां,
खाली गिलास था तुम ने पैमाना भर दियां,
एसा नशा चडाया के दीवाना कर दियां,
साईं का जलवा है चारसू