जितना भी परखो बाबा विश्वाश ये न हारे,
वाकिफ है हम से सारे,अंदाज ये तुम्हारे ,
जबसे तुम्हे ओह बाबा पहचान ने लगा हु,
क्या चीज है भरोसा अब जान ने लगा हु ,
हालत वक़्त सुख दुःख सब खेल है तुम्हारे,
वाकिफ है हम से सारे,अंदाज ये तुम्हारे ,
नैया डिगे भले ही अन्तस् न डिग रहा है ,
लहरो के बीच भी तो उस पार दिख रहा है,
हम जानते है तेरे मिलने को है सहारे,
वाकिफ है हम से सारे,अंदाज ये तुम्हारे ,
न मुस्किलो से डरते ना जुकेगे जग के आगे ,
डर के बुरे समय से तेरे भगत कब भागे,
निर्मल झुके है बस इक सर्कार तेरे आगे,
वाकिफ है हम से सारे,अंदाज ये तुम्हारे ,