श्याम बाबा से नजरे लड़ी मेरी किस्मत है जब से बनी,
मैं तो बलिहारी हु आप का तूने बिगड़ी बना दी मेरी,
श्याम बाबा से नजरे लड़ी मेरी किस्मत है जब से बनी,
मन की आँखों से देखे तुझे इन आँखों से दीखता नहीं,
तुझे दिल में वसा लू प्रभु दिल में और कोई रहता नहीं,
मन के मंदिर में आके प्रभु बैठ जा बाबा तू दो घड़ी,
श्याम बाबा से नजरे लड़ी मेरी किस्मत है जब से बनी,
बिन तेरे मैं कैसे जियु मेरा जन्म है तेरे लिए,
मेरे जीवन की हर सांस तू जीना मरणा है तेरे लिए,
मेरे रहबर के हर खाब पे तुम सिर पे लहराए मोरछड़ी,
श्याम बाबा से नजरे लड़ी मेरी किस्मत है जब से बनी,
कई जन्मो से प्यासा हु मैं प्यासे नैन है दीदार के,
इक झलक दिखा दो प्रभु दास आके खड़ा दरबार में,
अब तो चेहल दीवाने की श्याम अर्ज चरणों में तेरे पड़ी,
श्याम बाबा से नजरे लड़ी मेरी किस्मत है जब से बनी,