हिचकी आवे रे संवारा मन में,
याद भगता री आवे के तने
हिचकी आवे रे संवारा मन में,
रात नु सो थारी यादा में थो,
मिलने के थाई था सु जुड़ जुड़ के रो,
थई बताओ बोलू पीड़ मैं किने,
हिचकी आवे रे संवारा मन में,
बावलो बतावे मने सगलो जमानो,
चरना में देदो मने ईब तो ठिकानों,
बाबा बुलालियो जी चरना के कण में,
हिचकी आवे रे संवारा मन में,
माहरी याद थाने भी तो आती तो होगी
माहरे जइया थाने भी तो रुलाती ही होगी,
हरष बिठा लियो जी माहने भी शरणे,
हिचकी आवे रे संवारा मन में,