तर्ज : दिल दीवाने का डोला
दरबार अधूरा बाबा का,
हनुमान के बिना
(और) फागण अधूरा,
सूरजगढ़ निशान के बिना
1.. कहती है दुनिया सारी,
ये निशान की महिमा भारी
(और) राह देखते इसकी,
खुद बाबा श्याम बिहारी
दात्तार अधूरा जैसे,
कन्यादान के बिना.. फागण
2.. ये निशान जहां जाता है,
वहां मेळा लग जाता है
पूजन भी हो जाता है,
झाड़ा भी लग जाता है
है यज्ञ अधूरा जैसे,
यजमान के बिना.. फागण
3.. कई शहर घूमता फिरता,
फिर खाटू धाम को जाता
वहां शिखरबंद पे सजके,
मेळे की शान बढ़ाता
परिवार अधूरा जैसे,
संतान के बिना.. फागण
4.. अम्बरीष अगर तू चाहे,
जीवन को धन्य बनाना
जब भी मौका मिल जाए,
सूरजगढ़ जरूर जाना
है भग्त अधूरा जैसे,
भगवान के बिना.. फागण
Lyrics : Ambrish Kumar Mumbai