श्याम श्याम मेरे श्याम श्याम,
हुई आंख बंद और वो सपने में आया
मुझको सँवारे ने है बुलाये
अब सुनाऊ कहानी मैं उस रात की,
चैन से सो रही थी मैं उस रात भी,
फिर अचानक से संमुख मेरे श्याम आया ,
मुझको सँवारे ने है बुलाये
देखि सूरत तेरी जाने क्या हो गया,
मैं तो ओ सँवारे बस तेरा हो गया
चढ़ के नीले श्याम ने दर्श मुझको दिखाया,
मुझको सँवारे ने है बुलाये
अब न चिंता फ़िक्र है किसी काम से,
हो गई मुलाक़ात अब मेरे श्याम से,
गिरिराज को तूने अपना बनाया,
मुझको सँवारे ने है बुलाये