माखन चुरा के लेंगे कान्हा सुन लो दाऊ जी
साच कहु मैं दाऊ जी दूध दही लुढ़का गए कान्हा ,
सुन लो दाऊ जी...
ग्वाल बाल संग में आये कृष्ण कन्हाई,
तोड़ दिया छींका और मटकी गिराई,
साँच कहु मैं दाऊ जी माखन मिलाई खा गये, कान्हा सुन लो दाऊ जी,
इक दिन सखियाँ जल में करे इसनान है,
कदम की डाली पे झुक गये श्याम है,
साच कहु मैं दाऊ जी चीर चुरा के लेके कान्हा सुन ली दाऊ जी
बड़ा नटखट है नन्द का लाला करे नित लीला प्यारी मुरली वाला,
साच कहु मैं दाऊ जी चैन चुरा के ले गये कान्हा सुन लो दाऊ जी