किया मैंने तुझी पे ऐतबार के आगे साई तू जाने,
मेरे जख्मो को तेरा इन्तजार के आगे साई तू जाने,
काम हमारे कोई न आया तंग नसीबा ने तड़पाया,
हर रस्ते पे है दीवार के आगे साई तू जाने,
तेरी आहत तेरे इशारे तेरा जलवा तेरे नज़ारे,
मांगू हर शेह में तेरा ही दीदार के आगे साई तू जाने,
एह मेरे मालिक सब का भला कर,
सिमरु मैं तुमको दिल में वसा कर,
तेरे बंदे पे तेरा ही खुमार,
के आगे साई तू जाने,