मुझे रास आ गया है ब्रिज धाम अब तो जाना,
बांके बिहारी तेरे चरणों में हो ठिकाना,
मुझे रास आ गया है ब्रिज धाम अब तो जाना,
भगति ने दी जो दस्तक आये है तेरे दर तक,
गूंगी जुबान को जैसे कोई मिल गया तराना,
मुझे रास आ गया है ब्रिज धाम अब तो जाना,
दर्शन से तेरे नटवर पड़ता है जान ऐसे,
पंक्षी जो भूखे उड़ते मिले जैसे उनको दाना,
मुझे रास आ गया है ब्रिज धाम अब तो जाना,
मुसीबत कभी डराये गिरधारी याद आये,
जीवन की सांझ आये हम मोक्ष तुम दिलाना,
मुझे रास आ गया है ब्रिज धाम अब तो जाना,