तेरी मस्ती में नचके मलंग हो गया,
चांदी चांदी करा दे हाथ तंग हो गया,
लगे सोहना के तू ऐसे के ज़माना दंग हो गया,
तेरी मस्ती में नचके मलंग हो गया,
सारे कहन्दे ने तू जगत का तू सेठ सँवारे,
थोड़ा अपुन का बड़ा दे कुछ रेट संवारा,
अच्छा खासा सुख के पतंग हो गया,
चांदी चांदी करा दे हाथ तंग हो गया,
लम्बी लम्बी कतारे तेरे दवारे पे खड़ी,
मेरे माथे फिरादे तेरी मोर की छड़ी ,
करू मैं क्या ज़माने का यही तो ढंग हो गया,
तेरी मस्ती में नचके मलंग हो गया
चांदी चांदी करा दे हाथ तंग हो गया,
लेहरी द्वारे पे खड़ा मैं नहियो झूठ बोलना,
भाई भाई में मचा है आज लूट घोसना,
भरदे झोली ते केहवा मैं सलंग हो गया,
चांदी चांदी करा दे हाथ तंग हो गया,