सच सच तोहे मैं बताओ पनिया भरण जब जाऊ,
तंग करे है कान्हा मुझको शाम सवेरे,
हो मैया तेरा नटखट श्याम मोहे पनघट पे छेड़े,
जान जाए कोई जो नगर में चोर हो जाएगा घर घर में,
नन्द बाबा को देदो खबरियां रहता है गोपियाँ के चक्र में,
बाद में हाथ न आएगा मनमोहन तेरे,
हो मैया तेरा नटखट श्याम मोहे पनघट पे छेड़े,
प्यार वो करे है राधा गोरी से मुझे वो देखता है चोरी चोरी से,
और कितनी बात मैं बताऊ पकड़े कलहाइ पल जोरि से,
चुनर लेके भाग गया था कल ही मेरी,
हो मैया तेरा नटखट श्याम मोहे पनघट पे छेड़े,