आज बुधवार है गनायक जी का वार है,
भगति का ये सार है पूजे जो श्री गणपति जी को उसका बेडा पार है,
आज बुधवार है गनायक जी का वार है,
सब देवो में गजानन जी पहले पूजे जाते है ,
इक दंत और दया व्यंत शिव नंदन वो कहलाते है,
गणपति भप्पा मोरियाँ की महिमा अप्रम पार है ,
पूजे जो श्री गणपति जी को उसका बेडा पार है,
आज बुधवार है गनायक जी का वार है,
माथे पे सिंदूर है सोहे मूसे की सवारी है,
विघ्न विनाशक गणपति जी की महिमा जग से न्यारी है,
तेरी लीला की गाथा गाते ये संसार है,
पूजे जो श्री गणपति जी को उसका बेडा पार है,
आज बुधवार है गनायक जी का वार है,
आंधे को तुम आंख हो देते कोडीन को भी काया है
बंजन को तुम पुत्र हो देते निर्धन को भी माया है,
रिद्धि सीधी दातार है करुणा की तू धार है,
पूजे जो श्री गणपति जी को उसका बेडा पार है,
आज बुधवार है गनायक जी का वार है,