आज शनिवार है शनि जी का वार है
इक वार जो दर्शन करले उसका बेडा पार है,
शनि के मंदिर आके को इस दिन तेल चढ़ाता है
किरपा करते है शनि देवा मन चाहा फल पाता है,
सच्चा दरबार है होती जय जय कार है,
इक वार जो दर्शन करले उसका बेडा पार है,
त्रिलोकी में शनि देव सा कोई और महान नहीं ,
अपने भगतो के दुखो से शनि देव अनजान नहीं ,
होता बेडा पार है हो जाता उधार है,
इक वार जो दर्शन करले उसका बेडा पार है,
इनकी दृष्टि से अब तक तो कोई नहीं बच पाया है,
सभी देवता सिर को जुकाते ऐसी इनकी माया,
चंचल सेवा दार है लीला अप्रम पार है,
इक वार जो दर्शन करले उसका बेडा पार है,