अपना जीवन मैं बिताऊं श्याम तुम्हारे चरणों में
जग का सताया हूँ ग़म का मारा दे दो सहारा चरणों में
अपना जीवन मैं बिताऊं............
कोई नहीं है मेरा तू ही तो है एक मेरा है श्याम
मैंने भी सौंप दिया है जीवन प्रभु अब तेरे नाम
है तक़दीर बाबा ये मेरी मेरी हर साँसें हैं तेरी
ये क़र्ज़ कैसे चुकाऊं में
अपना जीवन मैं बिताऊं.............
सबसे सुना है बाबा डीनो का तू सहारा है श्याम
दर पे तेरे जो आये बन जाते हैं सभी उसके काम
सुनो न ऐ श्याम बिहारी तुम्हारी चौखट है भारी
छोड़ कहाँ अब जाऊं मैं
अपना जीवन मैं बिताऊं..............
जबसे तुम्हे है पाया जीवन सफल हुआ है मेरा
तुझसे मैं क्या छुपाऊं जो कुछ भी है वो सब है तेरा
है एहसान मुझपे तुम्हारा तेरे बिन हो ना गुज़ारा
और भला क्या बताऊँ में
अपना जीवन मैं बिताऊं..............