खाटू वाले श्याम बाबा तेरे लिए आई रे
तेरे लिए आई रे अकेले चली आई रे
खाटू वाले श्याम बाबा.................
हारे हुए का तुम हो सहारा जग ने महिमा गए रे
शीश का ये दान दिया है तुम सा नहीं कोई दानी रे
खाटू वाले श्याम बाबा.................
जब फागुन का मेला आये हमको पास बुलाओ न
खेलेंगे हम मिलकर होली ऐसे रास रचाओ न
खाटू वाले श्याम बाबा.................
श्याम धणी थारी ओल्यू आवे मन म्हारा तडपावे है
आंख्यां म्हारी नीर बहावे मन म्हारो हर्षावे है
खाटू वाले श्याम बाबा.................