नाचू रे मैं तो ओड चुनरियाँ

जमके ढोल बजा मेरे ढोली नच नच के मेरे साथ,
बड़े नसीबो से आई आज ये जगराते की रात,
नाचू रे मैं तो ओड चुनरियाँ तभी तो माँ की पड़ गी नजरियां,

तन झूमे मन लिए हिचकोले जिया मेरा ढोले,
नाचन दे जी भर के आज ये दिल दीवाना बोले,
किस्मत से मेरी आज हुई है मैया से मुलाक़ात,
नाचू रे मैं तो ओड चुनरियाँ तभी तो माँ की पड़ गी नजरियां,

रोज रोज आये ना ऐसी रात मुरादों वाली,
ये तो भरोसा है मेरी मैया भरेगी झोली खाली,
सुनती सदा माँ शेरोवाली सब के मन की बात,
नाचू रे मैं तो ओड चुनरियाँ तभी तो माँ की पड़ गी नजरियां,

कैसे मनेगी मैया मेरी ये तो मैं न जानू,
टूट जाए चाहे सांसो के घुंघरू माँ को मना के मानु,
कब तक नहीं धरो गी मैया मेरे सिर पे हाथ,
नाचू रे मैं तो ओड चुनरियाँ तभी तो माँ की पड़ गी नजरियां,


बड़े बड़े राजे माहराजे नाचे माँ के आगे
जो न नाचे माँ के जागे में उसका नसीबा जागे,
करती माँ उसके जीवन में खुशियों की बरसात,
नाचू रे मैं तो ओड चुनरियाँ तभी तो माँ की पड़ गी नजरियां,

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