प्रतापगढ़ में चंदीपुर धाम ऐ भैया
माता संग जग माता के धाम ये भैया
माँ की आरती और भजनों से होता सवेरा
दुनिया में अद्भुत है ऐसा चंदीपुर मेरा,
भगती में शक्ति का है बस काम ऐ भैया
माता संग जग माता के धाम ये भैया
दो हजार दस में मैया का आना हुआ था याहा
बरसती है नित किरपा जानता जहां,
चेत और नोराती की दिव्य है शाम एह भैया
माता संग जग माता के धाम ये भैया
माँ फूल कलि हुई धन्ये जिनके अरुण पुत्र हुए
माँ के सपनों का ये धाम तीर्थ बना दिए
गाता है दवेंदर माँ का नाम ऐ भैया
माता संग जग माता के धाम ये भैया