माखन की कहा से लाइ रे मटकिया
राधा तूने सिर पे उठाई रे मटकिया,
कान्हा क्यों तूने बजाई बंसुरिया,
खींच के मोहे याहा लाइए बंसुरिया,
कान्हा क्यों तूने बजाई बंसुरिया,
छम छम पायलियाँ घुंगरू बजाती है,
बांकी अदाए तेरी प्रेम बढ़ाती है,
मोती से सोहनी सजाई मटकियां,
माखन की कहा से लाइ रे मटकिया
राधा तूने सिर पे उठाई रे मटकिया,
दिल में हिलोर उठे मस्ती सी छाती है
याहा तेरी बंसी बजे राधा दौड़ी आती है,
दिलो में दिमाग में छाई बांसुरियां,
खींच के मोहे याहा लाइए बंसुरिया,
कान्हा क्यों तूने बजाई बंसुरिया,
प्रेम की है बात राधा मैं भी रंग रसियां उस पे ये सूरत गोरी,
मोरे मन वसियां
प्रेम का जरियाँ बनाई रे मटकियां,
माखन की कहा से लाइ रे मटकिया
राधा तूने सिर पे उठाई रे मटकिया,
मैया से कह के आई सखियाँ बुलाती है,
बतिया ये कान्हा मेरी नींदिया उड़ाती है,
कमल सी कलि खिल आई बांसुरियां,
कान्हा क्यों तूने बजाई बंसुरिया,