तर्ज : ओ साहेबा ओ साहेबा
महासर माँ तेरी दया,
हम पर है तेरी दया ,
तेरी दया से ही चलता है परिवार मेरा
महासर माँ........
इतनी दया की माँ परिवार पर मेरे
तुमने बनाये माँ हर बिगड़े काम मेरे
जो सोचा नहीं मेने वो तुमने दिया है माँ
दुनिया में रुतवा मेरा तुमने बढ़ाया माँ
तेरी दया से ही चलता है,,,,,,,,
तेरे प्यार के काबिल माँ नहीं में तो
मुझको अपना कर सौगात दी मुझको
उपकार तेरे माँ में कैसे चुकाऊंगा
जीवन भर अब तो चरणों में बिताऊँगा
तेरी दया से ही चलता है.......
तेरे प्यार के सागर में मेरी जीवन नईया है
पार करो या डुबोदो सब तेरी मर्जी है
हम भगतो के बिन माँ तुम रह ना पाओगी
राही का विशवास तुम तोड़ ना पाओगी
तेरी दया से ही चलता है परिवार मेरा
महासर माँ तेरी दया हम पर है तेरी दया
ARUN CHAUHAN,,,,,,