सब पूछते है संग क्या तेरे तकदीर चलती है,
मैं केहता हु मेरे संग माँ की तस्वीर चलती है
पहले हो माँ की पूजा फिर काम हो कोई दूजा
बाई ऐसी भी क्या भगती लोगो ने मुझसे पुछा
भगतो के चारो और इक लकीर चलती है,
मैं केहता हु मेरे संग माँ की तस्वीर चलती है
वो नवरातो का मेला जग आये माँ का हेला
भगती में झूम ते गाते चलता भगतो का रेला
माँ का जय कार लगाते भगतो की भीड़ चलती है,
मैं केहता हु मेरे संग माँ की तस्वीर चलती है
सोरव मधुकर क्या रिश्ता हम भगतो का क्या नाता
हम एक ही माँ के बेटे अपनी है पहाड़ी माता,
इक दूजे को जोड़े जैसे जंजीर चलती है
मैं केहता हु मेरे संग माँ की तस्वीर चलती है