हुई दीवानी तेरी श्याम नाम सुबह शाम जप के
शाम जपके सुबह शाम जपके
दिल में हो तू ही घनश्याम
नाम सुबह शाम जप के
तुम्हारी भजन में दुनिया है मेरी
आके बता दो कान्हा मर्जी है तेरी
सुन के मुरलियां का तान मैं नाम सुबहो शाम जप के
कृष्ण मुरारी मैं हुई दीवानी मानो न मानो ये मीरा ने मानी
अब कैसे लगे इम्तेहान नाम सुबह शाम जप के
गाता है गोताम भाजा तोड़ कर कलियाँ
हम से भी तो प्यार करो सुनो ओ कन्हियाँ
करता अशोक है भ्खान
नाम सुबह शाम जप के