तर्ज - अजी रुठ कर अब ....
सुण करकै बी अणसुणी, मत कर दया निधान
दर्शन मुझको दीजिये, दीन बन्धु भगवान
तेरी बांसुरी ने गजब ढा दिया है
मुझे इस निगौड़ी ने भरमा दिया है
अधर चुमती है ये तुम्हारे कन्हैया
नचाती है तुमको ओ जग के नचैइया
मुझे प्यार की मोड़ पर ला दिया है
तू मस्तान है तेरी मस्ती रंगीली
तेरी याद में मैंने, आंखों से पीली
तेरी इस अदा ने तो तरसा दिया है
तेरा श्याम बहादुर, कभी से दिवाना
है शिव का कन्हैया के, दर पे ठिकाना
नजारा सितम का तूँ दरसा दिया है
Singer - Vikash Jha
Cont. 7980-67-2853
Lyrics - Swargiya Shiv charan ji Bhimrajka