टूटी बेड़ियाँ खुले सब द्वार बाबा के संग ब्रिज को चले करतार
पेहर आखिरी निशा गनेरी मथुरा से ब्रिज की ये दुरी
करनी है अभी पार बाबा के संग ब्रिज को चले करतार
बाधो मास मेघ नव छाए दामनी मंद मंद मुस्काये
रिम जिम पड़े फुहार बाबा के संग ब्रिज को चले करतार
जल में उठती देख हिलोरे चटक चित व भागा हुए थोड़े
नदिया कैसे हो पार बाबा के संग ब्रिज को चले करतार
यमुना चरण पर्स अकुलानी भगती भवाना धरी पहचानी
पाओ निकाला बाहर बाबा के संग ब्रिज को चले करतार
ब्रिज पोंछे हरी भये नन्द लाला वसुबाबा लोटे ले बाला महा माया अवतार
बाबा के संग ब्रिज को चले करतार