रात दिन माला जपे श्याम की
दीवानी हू मीरा तेरे नाम की
रात दिन माला जपे श्याम की
मेरे तो गिरधर गोपाल छुपा न दिल में कोई
कान्हा कान्हा रट ते रट ते मीरा दीवानी हुई
छवि मन में वसी घनश्याम की
दीवानी हू मीरा तेरे नाम की
रात दिन माला जपे श्याम की
संवारी सूरत मन मोहनी मूरत
आँखों में जब से समाया
इक तू ही लगता है अपना सारा जग है पराया,
गलियों में ढूंढे ब्रिज धाम की
दीवानी हू मीरा तेरे नाम की
रात दिन माला जपे श्याम की