सुमर चलो दोई बिरिया आ रे,
जगदम्बा लगे है बेडा पार रे
अत्र की तो दो दो शीशिया रे ,
इक संदेया चडाऊ इक भोर रे
दमक रही चम्पा कली रे
मैया लोंगन की अजब बहार रे दमक रही हो
दर्श दइयो दुर्गा मैया रे
आशा लेके मैं आया तोरे द्वार रे
दर्श दाइयो हो
भजत मैया तोहे दुनिया रे
बरह्मा विष्णु करत गुण गान रे
सुमर लियो दुर्गा मैया रे
दुर्गा मैया रे कट देहे जन्म के पाप रे