जदो दी मेरी राधे दयाल हो गई
कंगाल सी मैं लोको मालो माल हो गई
कां-कां करदा सी कौवा वांगू डोला
मोतिया नु छाड़ मैं ता गंदगी फरोलदा
हुंण ते मेरी हँसा वाली चाल हो गई
कंगाल........
दुनिया दा ऐब में ता कोई वी न छडिया
मेहर कीती राधा रानी है ऐसा विचो कड़िया
सारे लोकी कैदें ने कमाल हो गई
कंगाल......
जदो दा में आकर तेरे बरसाने बह गया
दुनिया दे सारे सुख किशोरी कोलो ले गया
मेरी तो पूरी हरे गल हो गई
कंगाल......