तेरी झिलमिल करे चुनरिया राधे मन भावे,
मन भावे ओ राधे मन भावे,
तेरी झिलमिल करे चुनरिया.....
जमुना किनारे मथुरा बसत है मेरे पिया को गांव,
बीच में नदिया गहरा पानी रखना संभल के पाव,
कहीं भिगे ना चुनरिया राधे मन भावे,
तेरी झिलमिल करे चुनरिया.....
एक डगरिया ऊंची नीची दूजी गजब की चाल,
पतली कमरिया हिल ना पावे मुझको तेरा ख्याल,
तेरी बाली है उमरिया राधे मन भावे,
तेरी झिलमिल करे चुनरिया.....
प्रेम नगर की राह कठिन है छूट ना जाए पाव,
दासी कहे अब कस के पकडो छूट न जाए हाथ,
कहीं बिछड़े ना समरिया राधे मन भावे,
तेरी झिलमिल करे चुनरिया.....