तेरे चरणों में सिर को जुकाया करू
माँ दर पे हमेशा मैं आया करू
तेरे चरणों में सिर को जुकाया करू
चाहे विपता का बादल छा जाए,
चाहे दुःख का पहाड़ भी आ जाए ,
पर तुझको मैं ना बिसराया करू
माँ दर पे हमेशा मैं आया करू
तेरे चरणों में सिर को जुकाया करू
चाहे कोई कुछ भी केहता रहे,
मेरा ध्यान तेरे चरणों में रहे
हर शं मैं गुण तेरा गाया करू
माँ दर पे हमेशा मैं आया करू
तेरे चरणों में सिर को जुकाया करू
जो तुझसे प्रेम करे आंबे
उनपर नित दया कर तू अम्ब्ने
गुण तेरे लिए गुनगुनाया करू
माँ दर पे हमेशा मैं आया करू
तेरे चरणों में सिर को जुकाया करू