होली है रंग बिरंगी, खेले हैं बाल बजरंगी
मन ही मन हार्शायी,है अंजना माई,
की होली खेले बजरंगी
नल नील आए दधिमुख भी आए,
अंगद ले आये सब संगी, के होली खेलें बंजरंगी
बाली काका किष्किन्धा से आए, सुग्रीव जामवन्त भी संग में हैं लाए
मची है भारी हुड़दंगी, के होली खेलें बजरंगी
वैकुंठ से हरि विष्णु हैं आए, महादेव कहें आए हम भी ,
के होली खेलें बजरंगी
धूम धूसर से सूरज है धूमिल, रोशनी हुई मद्धम भी
के होली खेलें बजरंगी
श्री राम जी को भोग लगाते
भोग लगाते और खुद पी जाते
जो आज घोंटी है भंग भी
के होली खेलें बजरंगी
अयोध्या में हैं राम मुसकाते, भाइयों संग होते मगन भी
के होली खेलें बजरंगी
होली है रंग बिरंगी खेलें हैं बाल बजरंगी
प्रवीण राय
शिकागो, अमेरिका