कौन सुने मोरी बात श्याम बिन कौन सुने
रात रात भर अखियन आंसू जागु मैं दिन रात
श्याम बिन कौन सुने मोरी बात
आईटी उत देखू नजर न आवे नजरो में छवि तेरी
काहे आँख मिचोली मुझसे देख दसा तू मेरी
बनी वनवारी दर्शन के बिन अब न कशु सुहात
श्याम बिन कौन सुने मोरी बात
मैं तो अपने वचन श्याम जी तुमने छोड़ी डोर
तुम न मिले तो समजो श्याम जी प्राण काजू गी भोर
दास नरायन श्याम प्राण है श्याम मेरी सोगात
श्याम बिन कौन सुने मोरी बात