साई आया बन कृष्ण कन्हिया,
तुझे मोहन कहु या राधा मैया,
तेरी चिलम लगे वेणु जैसी,
तेरी पालकी लगे धेनु जैसी,
मोहे लागे तू कृष्ण कन्हिया,
तुझे मोहन........
तेरी शिरडी लगे वृन्दा रानी,
जहा लीला रची तूने मनमानी,
तू है शिरडी का रास रचइया ,
तुझे मोहन........
तू ही राम मेरा घनश्याम मेरा,
तू है साई मेरा मैं हूँ दास तेरा,
मेरा सब कुछ तू साई सावरिया,
तुझे मोहन........