मस्त नज़रों से जिसका पड़ा वास्ता
वो तो खुशियों से दामन भरा ले गया
जिसने बाबा को अपना ये दिल दे दिया
उसको श्याम का पल में बुलाया गया
मस्त नज़रों से ..............
उसकी चौखट पे जाके हैं सब सुख मिले
मिट जाते हैं ग़म दूर होते गिले
जाके चरणों में सर को झुका है दिया
उसको श्याम का प्रेमी बुलाया गया
मस्त नज़रों से ..............
किसी जन्नत से कम ना लगे खाटू धाम
जहाँ जाते ही मिलता है दिल को आराम
उसकी रेहमत का हर कोई दीवाना हुआ
उसको श्याम का प्रेमी बुलाया गया
मस्त नज़रों से ..............
श्याम नाम की मोना भी पागल हुई
चमकी किस्मत जो सदियों से सोइ हुई
प्रिंस हारे के उसके द्वारे गया
उसको श्याम का प्रेमी बुलाया गया
मस्त नज़रों से ..............