हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम,
अपने मंदिर में वो कितना तनहा होगा श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम
उसकी पीड़ा वो ही जाने हम सब मौज में दुबे,
सोचा कभी ये हमने तुमने कितना अकेला श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम,
दिन चुबता होगा उसे दिल में राते खटकती होंगी,
हिचकी आई तो मैं समजा रोटा होगा श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम,
क्या होगी उस बाप की हालत जिसक के बच्चे दूर,
सब कुछ होते हुए भी बेबस दीखता होगा श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम
हम निचिंत हुए घर आकर बहा पे दड़क क्या होगा,
जिसकी नींद उडी हो तारे गिनता होगा श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम