जब से खाटू धाम की मिट्टी,
माथे से लगाईं है,
मेरी बदल गई किस्मत सारी,
मैं भूल गया दुनियादारी,
श्यामधणी ने रात दिन,
मुझ पर कृपा बरसाई है,
जब से खाटू धाम की मिट्टी,
माथे से लगाईं है,
जब से खाटू धाम की मिट्टी,
माथे से लगाईं है......
गम की परछाई भी मेरे,
साथ नहीं अब चलती है,
केवल खुशियों की वर्षा,
मेरे घर में बरसती है,
मेरे घर में बरसती है,
ये सब बाबा की रहमत है,
जो मेरे घर में बरकत है,
मेरे जीवन में हरियाली,
बस खुशियों की छाई है,
जब से खाटू धाम की मिट्टी,
माथे से लगाईं है.......
मेरे घर में श्याम धणी का,
अब तो पहरा रहता है,
हर मुश्किल से खाटू वाला,
मेरी रक्षा करता है,
अब खाटूवाला साथ है,
मेरे सर पे इनका हाथ है,
इनकी कृपा से जीवन की,
सारी खुशियां पाई हैं,
जब से खाटू धाम की मिट्टी,
माथे से लगाईं है.......
शाम सवेरे अब तो मैं बस,
इनकी महिमा गाता हूँ,
इनकी कृपा से ही शर्मा,
हर पल मौज उड़ाता हूँ,
मैंने बोल दिया है ये सबको,
नहीं गरज किसी की अब मुझको,
खाटू वाले के संग मैंने,
अपनी यारी बनाई है,
जब से खाटू धाम की मिट्टी,
माथे से लगाईं है......