शायद मेरे बाबा को ख्याल मेरा आया है,
इसीलिए मुझे मिलने को खाटू में भुलाया है,
मेरी हिचकी में बाबा का नाम समाया है,
इसीलिए मिलने को मुझे खाटू में भुलाया है,
दिल नही लग पाए गा अब रह ना पाउगा,
बाबा मैं तो पेर नंगे दोहरा आऊंगा,
कोई चाहे कुछ भी समजे है नही चिंता,
रिंग्स से तेरे नाम की एक ध्वजा उठाऊ गा,
देखे गी दुनिया बाबा का प्रेमी आया है,
इसी लिए मिलने को मुझे खाटू में भुलाया है.......
तू जो बाबा साथ है मैं क्यों गबराहूगा,
झूमते और नाचते मैं पैदल आउगा,
छोड़ के संसार की चिंता मैं घर अपने,
प्रेमियों संग नाम के जयकारे लगाऊ गा,
तुमसे मिलने को मेरा भी जी ललचाया है,
इसी लिए मिलने को मुझे खाटू में भुलाया है.......
आने से पहले खाटू मैं रुक ना पाउगा,
आके तो रन द्वार पे मैं शीश झुकाऊ गा,
जैसे ही दर्शन मिले गा होगा सफल जीवन,
धाम की पावन माटी को माथे लगाऊ गा,
मीतु के सिर पे तो हरदम तेरा साया है,
इसी लिए मिलने को मुझे खाटू में भुलाया है.......