हरी नाम बिन कौन तरे आओ भजन दिन रैन करे
तूने जीवन खेल गवाया,
क्यों मन का ये खेल रचाया ,
मन की आंखे खोल के बंदे
हरी भजन सुबहो शाम करे
हरी नाम बिन कौन तरे आओ भजन दिन रैन करे
मान करे क्यों धन योवन का मूल न जाने इस जीवन का
कोडी बदले हीरा तज के
मन अभिमानी मान करे
हरी नाम बिन कौन तरे आओ भजन दिन रैन करे