इक विनती करू मेरे सँवारे तू मेरा हो जाये,
सांसो का मेरे इक इक पल जीवन का मेरे इक इक पल जो तेरा हो जाये,
इक विनती करू मेरे सँवारे तू मेरा हो जाये,
हाथ जोड़ के अर्ज करू बस इतना चाहु मैं ,
सुबह शाम मेरे सँवारे तेरा दर्शन पाउ मैं,
इस अंधियारे जीवन में मेरे भी सवेरा हो जाये,
इक विनती करू मेरे सँवारे तू मेरा हो जाये,
तेरे बिना मेरे सँवारे कोई और न भाता है,
यहा यहाँ भी देखु मुझे नजर तू आता है,
जो आये तेरे खाटू में मन उसका मोह जाए,
इक विनती करू मेरे सँवारे तू मेरा हो जाये,
जीवन की मैं हार जीत से मुक्ति पाउगा,
दुनिया में मेरे सँवारे तेरा कहलाऊंगा,
तेरे भगतो में पासी का भी नाम हो जाए,
इक विनती करू मेरे सँवारे तू मेरा हो जाये,