कान्हा रे कान्हा छेड़ दी तूने एसी बंसी की तान,
के गाओ में हला हुआ
ओ कान्हा मेरा हुआ
तूने कैसी बजाई बंसी मेरे दिल में भजी है घंटी
करू दिन रात तेरी पूजा
नही दिल में मेरे कोई दूजा
कान्हा रे कान्हा बन गया मेरे दिल का तू मेहमान
के गाओ में हला हुआ
मेरे दिल में अरमान है कितने वो है कैसे बताऊ कान्हा इतने
देखो हो गया गाव में हला जरा सुनलो यशोदा के लला
कान्हा रे कान्हा इस दुनिया का तू तो बड़ा महान
के गाओ में हला हुआ