जपले हरी नाम नादान काहे इतना करे घुमान

जपले हरी नाम नादान काहे इतना करे घुमान

बाला पण हस् खेल गवाया,
गोर तन को देख लुभाया,
भुला सब कुछ हुआ जावन,काहे इतना करे घुमान

आया भूड़ापा रोग सतावे,
हाथ पैर गर्दन हिल जावे,
तेरी बदल गई वो शान,काहे इतना करे घुमान

जब जब तूने दान किया न मालिक का कभी नाम लियाँ न,
सदा बना रहा है भाम काहे इतना करे घुमान

राह मोक्ष की चुन ले बंदे छोड़ जगत के गोरख धंदे,
धर ले नारायण का ध्यान काहे इतना करे घुमान

श्रेणी
download bhajan lyrics (787 downloads)