क्यों गोरा तू हाथ मांग रही भोले नाथ का
तेरा मेरा जोड़ा भोले लागे थाठ का
तू मेह्लो में रेहने वाली तेरो सो सो दासी रे
जन्म जन्म से मैं तो भोले तेरी प्यासी रे
इन पहाड़ा में रंग उड़ जाएगा तेरे घात का
तेरा मेरा जोड़ा भोले लागे थाठ का
भांग रगड़ के पिया करू सु मैं धुनें आला
मेहला की छोरी पे तने जादू कर डाला
तेरे मेरे दिन का पता न गोरा न ही रात का
तेरा मेरा जोड़ा भोले लागे थाठ का
के काह्ड़े गी आके गोरा ऐसा जंगल में
व्याह करवाले इस जंगल में करदू मंगल मैं
तेरा रंग चढ़ गया से राज मेहर पे थारी बात का
तेरा मेरा जोड़ा भोले लागे थाठ का