बोलो कावड़ियाँ बम बम चिलम चला के मारो दम पे दम,
सब मिल गई यारवा साथ के,
डर वा को न बात के ये भक्त है भोले नाथ के
लेले चल भंगियाँ धतूरा हो अरमान रही न अधूरा हो,
किरपा जो होइ भोले नाथ की सपना हो जाए सब पूरा हो,
ये बदले लकीरा हाथ के,
डर वा को न बात के ये भक्त है भोले नाथ के
पाउआ में पड़ जा शाळा हो देख ते ही बाबा का शिवाला हो,
दुख का दर्द सब हर ली है बाड़े भोले नाथ मतवाला हो,
सोनू कुलदीप हाथ रहे माथ पे,
डर वा को न बात के ये भक्त है भोले नाथ के