कन्हैया चले आना के जी ना लगे
बंसी जरा बजाना के जी न लगे,
कन्हैया चले आना के जी ना लगे
मेरे मन मोहना मेरे प्राण प्यारे मैं तुझे छोड़ अब नही जाउगा
चाहे ठुक्राऊ गे चाहे अपना लो आने जाने में समय न ग्वाउगा,
के मुझको न बुलाना के जी न लगे
कन्हैया चले आना के जी ना लगे
तेरे बिन चैन न लागे दिन रेन ना सुबह शाम तुझको ही ध्याऊ गा,
चाहे तुम सुनोगे चाहे न सुनोगे हर पल मैं तेरे ही गुण गाऊगा
नैनो में बस जाना के जी न लगे
कन्हैया चले आना के जी ना लगे
कैसे करू सादना कुछ नही जानू मेरे गिरधर तुम ही बताओ न
तुम ही सुधारों गे चाहे फटकारो अपने चरणों में मुझको बुलाओ ना,
करना ना बहाना के जी न लगे,
कन्हैया चले आना के जी ना लगे