प्रभु का है जिसने भरोसा किया
तूफानों में भी जलता उसका दिया
दर दर क्यों भटके अरे बावरे
आजा शरण में सहारा मिलेगा तुझे श्याम से
पकड़ ले तू प्यारे डगर श्याम की
शरण में तू आये अगर श्याम की
ये किस्मत तुम्हार संवर जायेगी
होगी दया की नज़र श्याम की
बड़ा ही दयालु है दातार है
ना दूजा कोई ऐसा दरबार है
दर दर क्यों भटके अरे बावरे
जो खोया है तूने दोबारा मिलेगा तुझे श्याम से
प्रभु का है जिसने भरोसा किया ...........
जहाँ ज्योत बाबा की है जल रही
वहां रौशनी श्याम से मिल रही
बड़ा ही सुखी उसका संसार है
बगिया वहां प्यार की खिल रही
ये ज्योति हमेशा जगाया करो
प्रभु नाम को गुनगुनाया करो
दर दर क्यों भटके अरे बावरे
क्या करना है उसका इशारा मिलेगा तुझे श्याम से
प्रभु का है जिसने भरोसा किया ...........
जो सर पे तेरे श्याम का ह आठ है
तो डरने की कोई भी ना बात है
मंज़िल मिलेगी तुझे एक दिन
पग पग पे तेरे प्रभु साथ है
बिन्नू कभी ना रुके ये कदम
तो मुरली बजाते मिलेंगे सनम
दर दर क्यों भटके अरे बावरे
अँखियों को सुन्दर मिलेगा तुझे श्याम से
प्रभु का है जिसने भरोसा किया ......