चित ले गयो री चित चोर

चित ले गयो री चित चोर
सखी री मैं तो लूट गयी री
मेरो चलो नहीं कोई जोर
सखी री मैं तो लूट री

रात सखी सपने में वो आयो
ऐसो सुन्दर रूप बनायो
रूप देखत गयी री मैं तो डोर

धीरे से माने मेरी पकड़ी कलाई
मार शर्म सखी मैं शर्मायी
सखी निकले ना मुख से बोल

हार गई सखी दिल की बाजी
ऐसी प्रीत सखी बस लागी
सखी इतने में होई गयी भोर

श्रेणी
download bhajan lyrics (823 downloads)