भोले बाबा का वंदन आसन होता है
इन्हें जल चड़ाने से कल्याण होता है
भोले बाबा का वंदन आसन होता है
ये भांग धतुरा ही खुश हो कर खाते है
कोई मेवा छपन जो इनको भाते है
इन वेल परत से इनका समान होता है,
इन्हें जल चड़ाने से कल्याण होता है
भोले बाबा का वंदन आसन होता है
ये प्रेम का प्यासा है और भाव का भूखा है,
श्रधा सब की देखे ना रुखा सुखा है,
आडम्बर करने वाला नादान होता है,
इन्हें जल चड़ाने से कल्याण होता है
भोले बाबा का वंदन आसन होता है
मेह्लो में ठिकाना न जल में बसेरा है
चाहे गली हो या नुकड़ हर जगह पे डेरा है ,
हर भगत का हर्ष हमेशा ये ध्यान रखता है ,
इन्हें जल चड़ाने से कल्याण होता है
भोले बाबा का वंदन आसन होता है