तर्ज- स्वर्ग से सुंदर
स्वर्ग से सुंदर सपनो से प्यारा , है अपना परिवार
ज्यूँ सोने पे सुहागा , वैसे भाई बहन का प्यार
कोई परिवार ने टूटे, बहन का प्यार न रूठे
कोई परिवार ने टूटे, बहन का प्यार न रूठे
एक डाली पे दो गुल फूटे, माली करे रखवाली
चमन में फैले खुशबू उनकी, मांग की छटा निराली
मात पिता की छांव में पलता
भाई बहन का प्यार
कोई परिवार ना टूटे....
कभी झगड़ते कभी यू लड़ते फिर संग में हो जाते
कभी रूठते कभी मनाते कभी कभी इठलाते
राखी बांध अपने भैया पर
बहन जताती प्यार
कोई परिवार ना टूटे...
जिस घर मे हो फलती फूलती घर को स्वर्ग बनाती
एक दिन उस बगिया को छोड़ के पंछी ज्यो उड़ जाती
ए नवीन बहनिया होती
भाई का आधार
कोई परिवार ने टूटे....
अजय जांगिड़ खूड़ 8058333070