( तर्ज - बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे )
बोलो भोलेनाथ थारो कुण सो धन लागे
मान्ने उज्जैन बुला ले तेरी नगरिया घूमा ले
मेरे प्यारे बाबा भोले बाबा...
दरबार लगा के बाबा घनो मुसकावे
जो कोई ना आए की पर हुकुम चलाएं
मन्ने दास रख ले - 2
बोलो भोलेनाथ थारो कुण सो धन लागे....
नंदी पर बैठ बाबा घनो मुसकावे
यों तो चाले छम छम यों तो नाचे छम छम
जरा इसे रोक ले - 2
बोलो भोलेनाथ थारो कुण सो धन लागे....
भक्तों ने देखा बाबा घनो मुसकावे
लकी रोज दर आव तन भजन सुनाव
थोड़ी दया कर दे - 2
बोलो भोलेनाथ थारो कुण सो धन लागे....
Lyrics - lucky Shukla